14 Jul 2025, Mon

किशोर भानुशाली

किशोर भानुशाली

किशोर भानुशाली
(जूनियर देव आनंद – एक सच्चा कलाकार)


शीर्षक: “छाया के पीछे एक सितारा – जूनियर देव आनंद किशोर भानुशाली की कहानी”

बॉलीवुड की दुनिया में जहां असली सितारे चमकते हैं, वहीं कुछ छाया की तरह उभरते हैं – पर उनकी रोशनी भी कम नहीं होती। किशोर भानुशाली, जिन्हें दुनिया जूनियर देव आनंद के नाम से जानती है, ऐसे ही एक कलाकार हैं, जिन्होंने अपने लुक्स और टैलेंट से इंडस्ट्री में एक अलग पहचान बनाई। यह बायोपिक है उनके संघर्ष, सफलता और आत्म-सम्मान की कहानी।

एक जैसी शक्ल, एक नया सपना

किशोर भानुशाली का जन्म एक सामान्य गुजराती परिवार में हुआ। बचपन से ही उन्हें अभिनय का शौक था। लोग अकसर कहते – “तू तो देव आनंद जैसा दिखता है!” यही बात किशोर के मन में बस गई। उन्होंने देव आनंद के अंदाज़ को अपनाया, बोलने का तरीका सीखा, चाल-ढाल नकल की और खुद को एक जूनियर देव आनंद के रूप में ढाल लिया।

संघर्ष की राह

मुंबई आकर उन्होंने छोटे-छोटे रोल करने शुरू किए। कुछ समय तक उन्हें केवल लुक-अलाइक कलाकार समझा गया, लेकिन किशोर जानते थे कि सिर्फ शक्ल काफी नहीं – उन्हें अपने अभिनय से साबित करना था कि वो खुद भी एक काबिल कलाकार हैं। उन्होंने स्टेज शो, मिमिक्री, कॉमेडी और साइड रोल्स किए – जिनमें हास्य का पुट था और देव आनंद की
90 के दशक में उन्हें अंदाज़ अपना अपना, हम हैं कमाल के, और कई कॉमेडी फिल्मों में पहचान मिली। उन्होंने टीवी शो और स्टैंड-अप कॉमेडी में भी काम किया। धीरे-धीरे उन्हें लोग सिर्फ ‘जूनियर देव आनंद’ नहीं, बल्कि एक दमदार कॉमेडियन और कलाकार के रूप में जानने लगे।

किशोर भानुशाली ने कभी अपने आपको सिर्फ किसी की छाया मानकर नहीं जिया। उन्होंने अपने अभिनय और मेहनत से दिखा दिया कि वो सिर्फ एक लुक-अलाइक नहीं, बल्कि एक ऑरिजिनल कलाकार हैं। उन्होंने युवा कलाकारों को सिखाया कि अपनी पहचान बनाना कितना जरूरी है।

आज किशोर भानुशाली एक सीनियर कलाकार के रूप में इंडस्ट्री में सम्मानित हैं। उन्होंने खुद को साबित किया, लाखों दिलों को हंसाया, और देव आनंद जी की छवि को एक नई पीढ़ी तक पहुंचाया।

यह बायोपिक केवल एक कलाकार की कहानी नहीं है, बल्कि यह उन सभी कलाकारों के लिए प्रेरणा है जो किसी महान शख्सियत की परछाई में जीते हुए अपनी रोशनी ढूंढते हैं।

“लोग कहते हैं मैं देव आनंद जैसा दिखता हूं, पर मैंने कभी खुद को उनकी नकल नहीं माना… मैंने तो बस उनका अंदाज़ अपनाकर अपनी पहचान बनाई है।

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