8 Jun 2025, Sun

गोविंदा, जिनका असली नाम गोविंद अरुण आहूजा है, 21 दिसंबर 1963 को महाराष्ट्र के विरार में जन्मे एक बहुप्रतिभाशाली अभिनेता, नर्तक, हास्य कलाकार और पूर्व राजनेता हैं। अपने करियर की शुरुआत 1986 में फिल्म ‘इल्ज़ाम’ से करने के बाद, उन्होंने 140 से अधिक हिंदी फिल्मों में अभिनय किया और 1990 के दशक में बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय और चहेते सितारों में से एक बन गए।

प्रारंभिक जीवन और संघर्ष
गोविंदा का जन्म एक फिल्मी परिवार में हुआ था; उनके पिता अरुण कुमार आहूजा एक अभिनेता थे और मां निर्मला देवी एक गायिका थीं। हालांकि, परिवार को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिससे गोविंदा को बचपन में कई संघर्षों से गुजरना पड़ा। उन्होंने वसाई के अन्ना लेला कॉलेज से कॉमर्स में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। शुरुआत में वे बैंकिंग क्षेत्र में करियर बनाना चाहते थे, लेकिन मिथुन चक्रवर्ती की फिल्म ‘डिस्को डांसर’ से प्रेरित होकर उन्होंने अभिनय की ओर रुख किया। कई असफल ऑडिशनों के बाद, उन्हें 1986 में ‘इल्ज़ाम’ में पहला बड़ा ब्रेक मिला, जो बॉक्स ऑफिस पर सफल रही और उनके करियर की नींव बनी

फिल्मी करियर और सफलता
1980 के दशक में गोविंदा ने ‘स्वर्ग’ (1990), ‘खुद्दार’ (1994) और ‘अंदोलन’ (1995) जैसी फिल्मों में एक्शन और पारिवारिक भूमिकाओं में अभिनय किया। हालांकि, 1990 के दशक में उन्होंने कॉमेडी में अपनी एक अलग पहचान बनाई। निर्देशक डेविड धवन के साथ उनकी जोड़ी ने ‘कुली नंबर 1’ (1995), ‘हीरो नंबर 1’ (1997), ‘हसीना मान जाएगी’ (1999) और ‘जोड़ी नंबर 1’ (2001) जैसी हिट फिल्मों को जन्म दिया। उनकी कॉमिक टाइमिंग, रंगीन पोशाकें और अनोखे डांस मूव्स ने उन्हें ‘कॉमेडी किंग’ और ‘विरार का छोकरा’ जैसे उपनाम दिलाए।

1993 में आई फिल्म ‘आंखें’, जिसमें उन्होंने डबल रोल निभाया, उस वर्ष की सबसे बड़ी हिट साबित हुई। इसके अलावा, ‘हद कर दी आपने’ (2000) में उन्होंने छह भूमिकाएं निभाकर अपनी बहुप्रतिभा का प्रदर्शन किया। हालांकि, 2000 के दशक की शुरुआत में उनका करियर धीमा पड़ा, लेकिन ‘भागम भाग’ (2006) और ‘पार्टनर’ (2007) जैसी फिल्मों से उन्होंने सफल वापसी की।

राजनीति और टेलीविजन
2004 में गोविंदा ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के टिकट पर मुंबई उत्तर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता और 2009 तक संसद सदस्य रहे। हालांकि, उन्होंने 2008 में राजनीति से दूरी बना ली। 2015 में उन्होंने ज़ी टीवी के डांस रियलिटी शो ‘डांस इंडिया डांस सुपर मॉम्स’ के दूसरे सीज़न में जज के रूप में टेलीविजन पर वापसी की।

पुरस्कार और सम्मान
गोविंदा को उनके अभिनय और नृत्य के लिए कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें शामिल हैं:

3 फिल्मफेयर पुरस्कार (विशेष पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता)

4 ज़ी सिने पुरस्कार

2 IIFA पुरस्कार

1 प्रोड्यूसर्स गिल्ड पुरस्कार

1 स्टारडस्ट पुरस्कार

1999 में, BBC न्यूज़ ऑनलाइन के एक पोल में उन्हें मंच या स्क्रीन के इतिहास के दसवें सबसे महान स्टार के रूप में चुना

व्यक्तिगत जीवन
गोविंदा ने 1987 में सुनीता आहूजा से विवाह किया, और उनके दो बच्चे हैं। सुनीता ने एक साक्षात्कार में बताया कि उन्होंने 15 साल की उम्र में गोविंदा से मुलाकात की थी और उनके साथ जीवन के कई उतार-चढ़ाव साझा किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि गोविंदा आज जो कुछ भी हैं, उसमें उनका बड़ा योगदान है।

निष्कर्ष
गोविंदा का करियर संघर्ष, प्रतिभा और दृढ़ संकल्प की मिसाल है। उनकी फिल्मों ने न केवल दर्शकों का मनोरंजन किया, बल्कि बॉलीवुड में हास्य और नृत्य की एक नई परिभाषा भी दी। आज भी, वे भारतीय सिनेमा के सबसे चहेते और बहुप्रतिभाशाली कलाकारों में गिने जाते हैं।

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