डॉन, 1978 में रिलीज़ हुई एक हिंदी एक्शन थ्रिलर फ़िल्म है, जिसका निर्देशन चंद्रा बारोट ने किया था। इसकी पटकथा प्रसिद्ध लेखक जोड़ी सलीम-जावेद (सलीम खान और जावेद अख्तर) ने लिखी थी, और इसे नरिमन ईरानी ने प्रोड्यूस किया था। फ़िल्म में सुपरस्टार अमिताभ बच्चन ने डबल रोल निभाया – एक कुख्यात अपराधी डॉन और एक भोले-भाले व्यक्ति विजय का किरदार। फ़िल्म में उनके साथ ज़ीनत अमान, प्राण, इफ्तेखार, ओम शिवपुरी और सत्येन कप्पू जैसे कलाकारों ने अहम भूमिकाएं निभाईं।
यह फ़िल्म अपने रोमांचक कथानक, दमदार डायलॉग्स, सुपरहिट संगीत और अमिताभ बच्चन के करिश्माई अभिनय के कारण एक सुपरहिट ब्लॉकबस्टर साबित हुई। यह न केवल उस वर्ष की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में शामिल थी, बल्कि बाद में इसका कई भाषाओं में रीमेक भी बनाया गया।
🎥 कहानी का सार
फिल्म की शुरुआत डॉन (अमिताभ बच्चन) के परिचय से होती है, जो एक खतरनाक अपराधी है और मुंबई पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। डॉन का गिरोह ड्रग्स और हथियारों की तस्करी करता है। डीएसपी डी’सिल्वा (इफ्तेखार) डॉन को पकड़ने के लिए कड़ी मशक्कत करता है।
एक मुठभेड़ के दौरान डॉन को गोली लग जाती है और वह डीएसपी के सामने दम तोड़ देता है। डीएसपी डॉन की मौत को छिपाकर, उसके हमशक्ल विजय (अमिताभ बच्चन) को गिरोह में घुसाने का फैसला करता है। विजय एक साधारण गायक और भोला-भाला व्यक्ति है, जो अनाथ बच्चों के लिए गाना गाता है।
विजय को डॉन के रूप में गिरोह में भेजा जाता है ताकि वह वहाँ से महत्वपूर्ण सबूत इकट्ठा कर सके। विजय को गिरोह में अपनी जगह बनाने में सफलता मिलती है, लेकिन तभी डीएसपी डी’सिल्वा की हत्या हो जाती है। विजय का सच्चा भेद खोलने वाला सबूत – एक डायरी, जिसमें गिरोह की सारी जानकारी दर्ज थी – खो जाता है।
इस बीच, रोमा (ज़ीनत अमान) भी गिरोह में शामिल हो जाती है। उसका मकसद डॉन को मारना है, क्योंकि उसने उसके भाई को मार दिया था। जब उसे विजय की असलियत का पता चलता है, तो वह उसका साथ देती है।
अंत में, विजय चालाकी से असली मास्टरमाइंड वर्धान (ओम शिवपुरी), जो इंटरपोल अधिकारी मलिक के रूप में गिरोह में छिपा था, को बेनकाब करता है। पुलिस को विजय की बेगुनाही का यकीन हो जाता है और फिल्म का अंत सुखद तरीके से होता है।
🌟 कलाकार और उनके किरदार
अमिताभ बच्चन – डॉन और विजय (डबल रोल)
ज़ीनत अमान – रोमा (डॉन को मारने के लिए गिरोह में शामिल होने वाली महिला)
प्राण – जसीत (विजय का दोस्त)
इफ्तेखार – डीएसपी डी’सिल्वा (पुलिस अधिकारी)
ओम शिवपुरी – वर्धान / नकली आर.के. मलिक (गिरोह का असली सरगना)
सत्येन कप्पू – इंस्पेक्टर वर्मा
हेलेन – कामिनी (गिरोह की सदस्य)
कमल कपूर – श्याम नरंग
पिंचू कपूर – असली आर.के. मलिक (इंटरपोल अधिकारी)
🎵 संगीत: कालजयी धुनें
फिल्म का संगीत कल्याणजी-आनंदजी की जोड़ी ने दिया था, जबकि गीतकार थे अंजान और इंदीवर। फिल्म के गाने उस समय बड़े हिट हुए थे और आज भी श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर देते हैं।
“खइके पान बनारस वाला” – किशोर कुमार का गाया यह गीत फिल्म की पहचान बन गया। इसका म्यूजिक और अमिताभ बच्चन का नाचने का अंदाज आज भी याद किया जाता है।
“ये मेरा दिल” – आशा भोसले का यह सेक्सी और कूल नंबर भी सुपरहिट रहा। हेलेन का ग्लैमरस डांस और मोहक अदाएं इस गाने की खासियत थीं।
“जिसका मुझे था इंतज़ार” – लता मंगेशकर और किशोर कुमार का यह रोमांटिक गीत दर्शकों को खूब पसंद आया।
“मैं हूं डॉन” – किशोर कुमार का यह थीम सॉन्ग फिल्म का सिग्नेचर गाना बन गया।
“ई है बंबई नगरीया तू देख बबुआ” – किशोर कुमार का यह मज़ाकिया गीत फिल्म का हल्का-फुल्का पक्ष दिखाता है।
पुरस्कार:
आशा भोसले को “ये मेरा दिल” के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका का पुरस्कार मिला।
किशोर कुमार को “खइके पान बनारस वाला” के लिए सर्वश्रेष्ठ गायक का पुरस्कार मिला।
💥 डायलॉग्स जो आज भी याद किए जाते हैं
फिल्म में सलीम-जावेद के लिखे संवाद आज भी लोकप्रिय हैं:
“डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है।”
“अरे देवियों और सज्जनों, स्वागत नहीं करोगे हमारा?”
“जिसका मुझे था इंतज़ार, जिसके बिना मेरा दिल था बेकरार।”
📈 बॉक्स ऑफिस पर धमाल
डॉन (1978) उस साल की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक थी। इसकी कमाई ₹7 करोड़ (तब के हिसाब से लगभग $8.6 मिलियन) थी, जो 2016 में मुद्रास्फीति के अनुसार ₹186 करोड़ ($29 मिलियन) के बराबर थी। इस फिल्म को गोल्डन जुबली का दर्जा मिला था।
🔥 रीमेक और इंटरनेशनल प्रभाव
डॉन की लोकप्रियता के चलते इसका कई भाषाओं में रीमेक बनाया गया:
तेलुगु – युगंधर (1979) – एनटीआर मुख्य भूमिका में।
तमिल – बिल्ला (1980) – रजनीकांत लीड रोल में।
मलयालम – शोबराज (1986) – मोहनलाल मुख्य भूमिका में।
पंजाबी (पाकिस्तान) – कोबरा (1991) – सुल्तान राही मुख्य भूमिका में।
2006 में फरहान अख्तर ने इस फिल्म का रीमेक “डॉन: द चेज़ बिगिन्स अगेन” बनाया, जिसमें शाहरुख खान, प्रियंका चोपड़ा और बोमन ईरानी मुख्य भूमिकाओं में थे। यह फिल्म भी सुपरहिट रही। 2011 में इसका सीक्वल “डॉन 2” रिलीज़ हुआ।
🌍 अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता
फिल्म का गाना “ये मेरा दिल” का सैंपल 2005 में ब्लैक आइड पीज़ के हिट गाने “Don’t Phunk with My Heart” में इस्तेमाल हुआ था।
फिल्म का थीम म्यूजिक अमेरिकी शो “American Dad!” में इस्तेमाल हुआ था।
✅ निष्कर्ष
डॉन (1978) सिर्फ एक फिल्म नहीं थी, बल्कि यह एक संस्कृति और स्टाइल का प्रतीक बन गई। इसके गाने, संवाद और अमिताभ बच्चन का जबरदस्त अभिनय इसे हिंदी सिनेमा की सदाबहार क्लासिक फिल्मों में शामिल करता है। इसका प्रभाव दशकों तक बरकरार रहेगा।